
Budget 2024: आम बजट पेश कर निर्मला सीतारमण बनाएंगी रिकॉर्ड
Budget 2024: आज पेश होगा मोदी 3.0 का पहला आम बजट
Budget 2024: जैस का आप सभी को पता है कि हाल ही में हुए लोकसभा के चुनाव में NDA ने तीसरी बार अपनी सरकार बनाई है और इस 3.0 की सरकार का यह पहला बजट है जिस पर पूरे देशवासियो की निगाहे टिकी रहेगी | देखना यह होगा कि बजट से आम नागरिको को क्या कुछ मिलने बाला है|

Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई यानी आज वित्तीय वर्ष 2024-25 का बजट पेश करेंगी। इस बजट में करदाताओं को वित्त मंत्री बड़े राहत के एलान की उम्मीद है। बजट को लेकर खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा कि आम बजट अमृतकाल का महत्वपूर्ण बजट होगा। यह पांच साल के लिए हमारी दिशा तय करने के साथ ही 2047 तक विकसित भारत की आधारशिला रखेगा।
Budget 2024: शादीशुदा लोगों को 2000 रुपये तक की आमदनी तक कोई टैक्स नहीं देना
Budget 2024: 1955 में जनसंख्या बढ़ाने के लिए पहली बार देश में शादीशुदा और कुंवारों के लिए अलग-अलग टैक्स फ्री इनकम रखी गई। इसके तहत शादीशुदा लोगों को 2000 रुपये तक की आमदनी तक कोई टैक्स नहीं देना पड़ता था। वहीं, कुंवारों के लिए यह लिमिट 1000 रुपये ही थी।
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Budget 2024: 80सी के तहत छूट की सीमा बढ़ाई जा सकती है मध्यम वर्ग के लिए
Budget 2024: सुबह 11 बजे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में बजट पेश करेंगी। बजट में सरकार मध्यम वर्ग के लिए बड़े एलान कर सकती है। इसके तहत जमा पर ब्याज में आयकर में छूट बढ़ सकती है और आयकर के स्लैब में भी बढ़ोतरी हो सकती है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर (विधानमंडल के साथ) की अनुमानित प्राप्तियों और व्यय (2024-25) के विवरण भी अंग्रेजी और हिंदी में सदन में पेश करेंगी।
Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सदन के पटल पर अपना बयान देंगीं
Budget 2024: राज्यसभा में वर्ष 2024-25 के लिए सरकार की अनुमानित प्राप्तियाँ और व्यय को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सदन के पटल पर अपना बयान देंगीं। इसके बाद लोकसभा में केंद्रीय बजट 2024-25 की प्रस्तुति के समापन के एक घंटे बाद वह बजट पेश करेंगी। इसके साथ ही केंद्रीय वित्त मंत्री राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन अधिनियम, 2003 की धारा 3 की उपधारा (1) के तहत मध्यम अवधि की राजकोषीय नीति सह राजकोषीय नीति रणनीति विवरण और मैक्रो-इकोनॉमिक फ्रेमवर्क स्टेटमेंट की एक-एक प्रति (अंग्रेजी और हिंदी में) भी सभा पटल पर रखेंगी।
Budget 2024: 20 घंटे हो सकती है बजट पर चर्चा
Budget 2024: लोकसभा और राज्यसभा में आम बजट पर 20 घंटे चर्चा हो सकती है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मंगलवार को मोदी 3.0 का पहला बजट पेश करेंगी। दोनों सदनों की कार्य मंत्रणा समितियों (बीएसी) ने सत्र के एजेंडे को अंतिम रूप देने के लिए सोमवार को बैठक की। इसमें सत्तापक्ष और विपक्ष के सांसद शामिल रहे।
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Budget 2024: राज्यसभा में विनियोग और वित्त विधेयक पर आठ घंटे की चर्चा हो सकती है
Budget 2024: सूत्रों का कहना है कि लोकसभा में रेलवे, शिक्षा, स्वास्थ्य, एमएसएमई और खाद्य प्रसंस्करण जैसे बड़े मंत्रालयों की मांग और अनुदान पर चर्चा के लिए 5-5 घंटे का समय तय किया गया है। वित्त मंत्री 30 जुलाई को लोकसभा में बजट पर चर्चा का जवाब दे सकती हैं। राज्यसभा में विनियोग और वित्त विधेयक पर आठ घंटे की चर्चा हो सकती है, जबकि चार मंत्रालयों पर चार-चार घंटे की बहस होगी।
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Budget 2024: कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में अग्निपथ योजना और नीट विवाद जैसे मुद्दों पर चर्चा की मांग रखी
Budget 2024: इन मंत्रालयों की पहचान अभी नहीं की गई है। एक कांग्रेस सांसद ने कहा कि उनकी पार्टी ने लोकसभा की कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में अग्निपथ योजना और नीट विवाद जैसे मुद्दों पर चर्चा की मांग रखी। तय हुआ कि विभिन्न मंत्रालयों से संबंधित चर्चा में सभी पक्षों को अपने मुद्दे उठाने का अवसर मिलेगा
Budget 2024: युवा वर्ग के सामने सबसे बड़ी समस्या रोज-रोटी सुनिश्चित करने की है
Budget 2024: मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले बजट से बेरोजगारी की मार झेल रहे युवा वर्गा को भी कई अपेक्षाएं हैं। वर्तमान में देश में युवा वर्ग के सामने सबसे बड़ी समस्या रोज-रोटी सुनिश्चित करने की है। युवा वर्ग की ओर से लगातार सरकार से इस दिशा में मजबूत कदम उठाने की अपील की जा रही है।
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Budget 2024: सरकार उनकी भलाई के लिए कुछ ऐसे कदम उठाए जो गंभीरतापूर्वक जमीन पर उतारे जा सकें
Budget 2024: मोदी सरकार के पहले दो कार्यकाल में स्किल इंडिया और मेक इन इंडिया मिशन के जरिए युवाओं को राोजगार से जोड़ने के लिए कई कदम उठाए गए पर वे कदम जमीन पर नाकाफी ही साबित हुए हैं। ऐसे में युवा वर्ग इस बार उम्मीद कर रहा है सरकार उनकी भलाई के लिए कुछ ऐसे कदम उठाए जो गंभीरतापूर्वक जमीन पर उतारे जा सकें, ना कि वे केवल हवा-हवाई बनकर रह जाएं।
