
Mainpuri महंत सुरेंद्र दास ने त्यागे प्राण, न्यायिक जांच की मांग
Mainpuri अंतिम संस्कार से इनकार कर ट्रस्ट सदस्य शव लेकर आश्रम के बाहर धरने पर बैठे, कार्रवाई की मांग पर अड़े

रिपोर्टर अनिल शाक्य
Mainpuri रामजानकी आश्रम के अध्यक्ष महंत सुरेंद्र दास का निधन केवल एक साधु की मौत नहीं
Mainpuri जनपद मैनपुरी तहशील क्षेत्र के मौजा जटपुरा स्थित रामजानकी आश्रम के अध्यक्ष महंत सुरेंद्र दास का निधन केवल एक साधु की मौत नहीं, बल्कि आध्यात्मिक परंपरा पर चोट, कानून व्यवस्था की विफलता और प्रशासनिक उदासीनता का प्रतीक बन गया है। उनके निधन के बाद जब पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए आश्रम लाया गया, तो कथित साधु व हिस्ट्रीशीटर रामअवतार ने अंदर जाने से रोक दिया। इससे आहत होकर महंत सुरेंद्र दास के शिष्यों व ट्रस्ट सदस्यों ने शव को आश्रम के बाहर रखकर धरना शुरू कर दिया और अंतिम संस्कार से इनकार कर दिया।
Mainpuri आश्रम पर काबिज अपराधी प्रवृत्ति के व्यक्ति को हटाया नहीं जाता
Mainpuri उनका कहना है कि जब तक आश्रम पर काबिज अपराधी प्रवृत्ति के व्यक्ति को हटाया नहीं जाता, तब तक वे अंतिम संस्कार नहीं करेंगे।ट्रस्ट सदस्यों का आरोप है कि आश्रम की जमीन पर अवैध कब्जे की साजिश, अधिकारियों की निष्क्रियता और भूमाफियाओं के दबाव ने उन्हें भीतर से तोड़ दिया, जिसके चलते उन्होंने 5 जून की रात सांसारिक शरीर त्याग दिया। पूरे घटनाक्रम की न्यायिक जांच, दोषियों पर सुसंगत धाराओं में कार्रवाई और आश्रम को स्थायी सुरक्षा दिए जाने की मांग की गई है।
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Mainpuri महंत सुरेंद्र दास ने जर्जर अवस्था में पड़े इस प्राचीन मंदिर और आश्रम का नव निर्माण शुरू किया था
Mainpuri आपको वतादे वर्ष 1960 में तपस्वी जीवन अपनाकर महंत सुरेंद्र दास ने जर्जर अवस्था में पड़े इस प्राचीन मंदिर और आश्रम का नव निर्माण शुरू किया था। दशकों तक वे आश्रम के संरक्षण और सेवा में निरंतर लगे रहे। हाल के वर्षों में लगभग 18 बीघा भूमि पर कब्जा करने की नीयत से कुछ स्थानीय प्रभावशाली तत्व सक्रिय हो गए।
ट्रस्ट के अनुसार, इन प्रयासों में मुख्य बाबा के भेष में औरैया जनपद के अछल्दा थाना क्षेत्र की हिस्ट्रीशीटर रामअवतार उर्फ रघुनंदन दास जैसे लोग शामिल हैं, जिन्हें अपराधिक पृष्ठभूमि और राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है। बार-बार शिकायतों के बावजूद अधिकारियों ने गंभीरता नहीं दिखाई। महंत जी ने 2 और 3 जून को मंडलायुक्त आगरा से मिलकर शपथ-पत्र के साथ सुरक्षा और हस्तक्षेप की गुहार लगाई थी।
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Mainpuri जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को कई बार पत्र सौंप चुके थे
Mainpuri इससे पहले भी वे जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को कई बार पत्र सौंप चुके थे। इसके बावजूद 5 जून को आश्रम में ट्रस्ट की बिना सहमति के श्रीमद्भागवत कथा और भंडारे का आयोजन हुआ, जिसमें कथित बाबा रामअवतार को जबरन स्थापित करने का प्रयास किया गया। इस आयोजन को ट्रस्ट ने कब्जे की राजनीतिक चाल करार दिया है।
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Mainpuri महंत सुरेंद्र दास ने चुपचाप संसार को अलविदा कह दिया
Mainpuri उसी दिन रात को महंत सुरेंद्र दास ने चुपचाप संसार को अलविदा कह दिया। 6 जून की सुबह जब उनका पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन हेतु आश्रम लाया गया, तो रामअवतार ने शव को भीतर जाने से रोक दिया। इस व्यवहार से क्षुब्ध ट्रस्ट सदस्यों ने थाना प्रभारी को अवगत कराया। पुलिस के हस्तक्षेप और वार्ता के बाद पंचनामा भरकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।
Mainpuri प्रशासन द्वारा आश्रम को विवादित भूमि घोषित कर संचालन की जिम्मेदारी
Mainpuri इस बीच, प्रशासन द्वारा आश्रम को विवादित भूमि घोषित कर संचालन की जिम्मेदारी तहसीलदार को सौंपे जाने से स्थिति और गंभीर हो गई। ट्रस्ट का कहना है कि न तो जमीन को लेकर कोई अदालती विवाद है, न ही प्रशासन के पास ऐसा निर्णय लेने का अधिकार। यह निर्णय पूरी तरह अन्यायपूर्ण और धार्मिक संस्थान की स्वायत्तता पर आघात है।

Mainpuri सुरेंद्र दास के निधन की परिस्थितियों की उच्चस्तरीय न्यायिक जांच हो
Mainpuri ज्ञापन में मांग की गई है कि महंत सुरेंद्र दास के निधन की परिस्थितियों की उच्चस्तरीय न्यायिक जांच हो, जिसमें मानसिक उत्पीड़न, अवैध हस्तक्षेप और लापरवाही की गहनता से समीक्षा हो। हिस्ट्रीशीटर रामअवतार सहित शामिल व्यक्तियों पर हत्या के लिए प्रेरित करने, धार्मिक स्थल पर कब्जा, धमकी और अनुचित आयोजन के लिए प्राथमिकी दर्ज की जाए।

Mainpuri देर रात तक आश्रम परिसर के बाहर धरना जारी रहा
Mainpuri ट्रस्ट ने यह भी आग्रह किया है कि आश्रम परिसर में किसी आयोजन पर ट्रस्ट की पूर्वानुमति अनिवार्य की जाए, तथा स्थायी पुलिस बल की तैनाती के साथ भूमि को धार्मिक संपत्ति के रूप में विधिक संरक्षण प्रदान किया जाए, जिससे भविष्य में इस पवित्र स्थल पर कुटिल मंसूबों की पुनरावृत्ति रोकी जा सके। देर रात तक आश्रम परिसर के बाहर धरना जारी रहा। मौके पर एसडीएम, तहसीलदार सहित भारी पुलिस बल तैनात रहा, लेकिन ट्रस्ट सदस्य अंतिम संस्कार पर अडिग रहे।
भागवत और भंडारे के दूसरे दिन बाबा ने त्यागे प्राण
5 जून की रात को महंत सुरेंद्र दास ने चुपचाप संसार को अलविदा कह दिया। 6 जून की सुबह जब उनका पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन हेतु आश्रम लाया गया, तो रघुनंदन दास ने शव को अंदर जाने से रोक दिया। पुलिस व तहसीलदार को मामले की जानकारी दी गयी।
उसके बाद पुलिस ने शव पीएम के लिए भेज दिय अनुयाइयों ने पीएम के बाद शव मंदिर के बाहर रख दिया। और मृतक बाबा के शरीर को आश्रम में प्रवेश कराने और राम जानकी के अंतिम दर्शन करने के लिए आश्रम के अंदर सब ले जाने की बात को कहकर आश्रम के गेट के बाहर उनका शव रख दिया लेकिन मंदिर में मौजूद बाबा ने आश्रम का गेट नहीं खोला।

दोपहर से लेकर शाम तक चालू है धरना प्रदर्शन
इसके बाद आश्रम के बाहर मृतक बाबा के अनुयायियों ने मंदिर में सब ले जाने के लिए सुबह से लेकर शाम तक धरना प्रदर्शन कर दिया। सूचना पर सीओ, प्रभारी निरीक्षक ललित भाटी, तहसीलदार घासीराम,एसडीएम गोपाल शर्मा मौके पर भारी पुलिस बल के साथ पहुंच गए। वार्ता के बाद मंदिर से ही जुड़ी जमीन पर अंत्येष्टि की अनुमति दे दी गयी है। लेकिन मंदिर में मौजूद बाबा रघुनंदन दास में आश्रम का गेट नहीं खोला वह आश्रम के अंदर ही मौजूद है। और आश्रम के बाहर बाबा का सब रखकर अनुयाई हंगामा कर रहे हैं। और अधिकारी मामले को लेकर कोई भी बयान देने से बच रहे हैं।
